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वास्तु शास्त्र के अनुसार, लॉबी (Lobby)

एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह घर या भवन के प्रवेश और अन्य महत्वपूर्ण कमरों के बीच का कनेक्टिंग स्पेस होता है। इसका सही स्थान, डिज़ाइन और दिशा सही ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। लॉबी का उद्देश्य एक स्वागतपूर्ण वातावरण तैयार करना होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

यहाँ लॉबी के वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए हैं:

1. लॉबी का स्थान:

  • पूर्व या उत्तर दिशा: लॉबी को पूर्व या उत्तर दिशा में बनवाना सबसे अच्छा माना जाता है। इन दिशाओं में प्राकृतिक सूर्य का प्रकाश अधिक होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में शांति और समृद्धि बनाए रखता है।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा से बचें: दक्षिण-पश्चिम दिशा में लॉबी बनवाना अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि यह स्थिरता और भारीपन से जुड़ी होती है, जो नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकती है।

2. कमरे का आकार और रूप:

  • लॉबी का आकार आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। किसी भी अनियमित आकार का लॉबी वास्तु दोष पैदा कर सकता है।
  • लॉबी को अधिक बड़ा भी नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक बड़ा स्थान शांति और समृद्धि की कमी का संकेत हो सकता है। एक मध्यम आकार की लॉबी अधिक उपयुक्त होती है।

3. लॉबी का प्रवेश द्वार:

  • लॉबी का प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का मार्ग बनाता है।
  • लॉबी के द्वार को साफ और व्यवस्थित रखें, जिससे किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश न हो।

4. प्रकाश और वेंटिलेशन:

  • लॉबी में अच्छा प्रकाश होना चाहिए। प्राकृतिक प्रकाश, जैसे सूर्य की रोशनी, को प्राथमिकता दें। खिड़कियां या दरवाजों के माध्यम से उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
  • कम रोशनी वाले स्थानों को बचाएं, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।

5. सजावट और रंग:

  • लॉबी की सजावट में हल्के और सुखदायक रंगों का चयन करें, जैसे कि हल्का पीला, सफेद, बेज या हल्का नीला। ये रंग शांति और सकारात्मकता का प्रतीक होते हैं।
  • लॉबी में कुछ अच्छे आकार के फूलों के पौधे या रंगीन चित्र भी लगाए जा सकते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

6. फर्नीचर और उपकरण:

  • लॉबी में अधिक भारी या अव्यवस्थित फर्नीचर नहीं होना चाहिए। हल्का, स्टाइलिश और व्यवस्थित फर्नीचर रखें।
  • लॉबी में कोई भी ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण (जैसे घड़ियाँ, घंटियाँ) भी न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

7. नकारात्मकता से बचें:

  • लॉबी में कोई नुकीली वस्तुएं या तिखी चीज़ें न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती हैं।
  • अव्यवस्था और गंदगी से बचें, क्योंकि इससे ऊर्जा का प्रवाह रुक सकता है।

8. लॉबी का उपयोग:

  • लॉबी को घर के अन्य हिस्सों से अलग-अलग कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि आराम के लिए या स्वागत कक्ष के रूप में, लेकिन इसे बहुत अधिक भीड़-भाड़ वाला स्थान नहीं बनाना चाहिए।

इन वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से लॉबी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर में शांति, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वास होता है।

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