पौराणिक कथाओं के अनुसार भग्वान शंकर और अंधकासुर दैत्य के मध्य भयंकर युद्ध हुआ, इस युद्ध में शिव व दानव के शरीर से कुछ पसीने की बुंदे निकली और एक विशाल मुख वाला एक प्राणी पैदा हुआ। जिसे देख कर सभी ड़र कर इधर-उधर भागने लगे। तभी ब्रह्मा जी के कहने पर सभी देवताओ ने मिल कर उसे अधोमुख ज़मीन में दबा दिया और 45 देवता उसके शरीर पर बैठ गये जिससे उसके सभी क्रियाक्लापों को रोक दिया जा सके। सभी देवताओं के निवास करने के कारण ब्रह्माजी ने इसका नाम वास्तु पुरुष रखा।
यह 45 शक्तियां इस प्रकार हैं: