वास्तु शास्त्र में, पत्थरों को महत्वपूर्ण ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जो किसी स्थान के वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य को बढ़ावा दे सकते हैं। वास्तु में विभिन्न प्रकार के पत्थरों का उल्लेख किया गया है, जिनके अपने-अपने गुण और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव होते हैं।
यहां कुछ सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पत्थरों के बारे में बताया गया है:
क्लियर क्वार्ट्ज (Clear Quartz): यह पत्थर स्पष्टता और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसे घर या कार्यस्थल में सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए रखा जाता है।
एमिथिस्ट (Amethyst): यह पत्थर शांति, संतुलन और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए माना जाता है। इसे आमतौर पर उन स्थानों पर रखा जाता है जहां शांति की आवश्यकता होती है, जैसे शयनकक्ष।
पन्ना (Emerald): पन्ना समृद्धि, धन और सफलता से जुड़ा हुआ है। इसे वास्तु के अनुसार समृद्धि या धन के कोने (दक्षिण-पूर्व) में रखा जाता है।
रोस क्वार्ट्ज (Rose Quartz): यह पत्थर प्रेम और सहानुभूति को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसे रिश्तों और भावनात्मक भलाई को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है।
सिट्रीन (Citrine): यह पत्थर समृद्धि और प्रचुरता लाने के लिए जाना जाता है, और इसे सामान्यतः घर के दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जाता है, जो धन के कोने के रूप में माना जाता है।
लैपिस लाजुली (Lapis Lazuli): यह पत्थर ज्ञान और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देने के लिए माना जाता है। इसे उन स्थानों पर रखा जाता है जहां मानसिक कार्य या अध्ययन किया जाता है।
ब्लैक टूरमलिन (Black Tourmaline): यह पत्थर नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए जाना जाता है और सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। इसे ऐसे स्थानों पर रखा जाता है जहां भारी या घनी ऊर्जा होती है।
कार्नेलियन (Carnelian): यह पत्थर जीवन शक्ति और ताकत से जुड़ा हुआ है, और इसे प्रेरणा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है।
वास्तु शास्त्र में इन पत्थरों की स्थिति का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है, ताकि इनके प्रभाव का सर्वोत्तम लाभ लिया जा सके। उदाहरण के लिए, इन पत्थरों को घर के विशिष्ट कोनों में रखा जाता है, जो उनके गुणों या जीवन के उस क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए होते हैं, जिसे बेहतर बनाना होता है।